हो गए यतीम

ना आंगन में किसी के तुलसी, ना पिछवाड़े नीम सूख गए सब ताल-तलैया, हम हो गए यतीम रे भैया हम हो गए यतीम   नए-नए नित रोग पनपते, नए-नए उपचार नए चिकित्सक, नई चिकिस्ता, दोनों ही लाचार धनवंतरि को आँख दिखाते हैं ये नीम-हक़ीम रे भैया हम हो गए यतीम   क्रेडिट कार्ड्स हैं अब … Continue reading हो गए यतीम